जिस प्रकार भौतिक संसार तो मूर्त है ही , अमूर्त ईश्वर के विभिन्न रूप जिनमें वह दर्शाया जाता है,उसी प्रकार Manish Pushkale  की कलाकृतियाँ है क्यूँकि वे भी न सिर्फ़ इंद्रियों को सुखद अनुभूति देती हैं,पर कला की अमूर्त गहराइयों में ले जाती है,मूर्त से अमूर्त की यात्रा है:

Tracing the cartographer’s Trail









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